मुख़्तसरसी बात है,
तू जो सूनले तो मैं केह दु।
तेरी होठोंकी लालिसे,
और आँखोंकी गहराईपे,
ना कोई नझ्म लिख दु,
मुख़्तसरसी बात है…
चंद लम्होकी मुलाक़ाते,
बाकी बेचैन तनहाईकी
कोई गझल ना केह दु.
मुख़्तसरसी बात है…
तेरे आतेही बढ़ी धडकने
और सांस रुक गयी तो,
उसे रुबाई न बना दु,
मुख़्तसरसी बात है…
घुमाकर न अब करते हैं बात,
इश्क़का इजहार अब,
तू जो कहदे तो मै कर दू।
मुख़्तसरसी बात है,
तू जो सूनले तो मैं केह दु।
#LatePost Sorry guys, I missed the Monday post. Uploading this today.
I am taking my Alexa Rank to the next level with #MyFriendAlexa and #BlogChatter
Leave a Reply