बुढ़ापा
A Hindi poem about an old home which is dilapidated. #poetrylove
हर रोज़ सुबह जब मैं मेरे कमरेकी खिड़की खोलता हूँ,
तो यही एक सवाल हमेशा होता है।
के ये कौन है जो एक आंखसे हमेशा मुझको तांकते है।
A Hindi poem about an old home which is dilapidated. #poetrylove
हर रोज़ सुबह जब मैं मेरे कमरेकी खिड़की खोलता हूँ,
तो यही एक सवाल हमेशा होता है।
के ये कौन है जो एक आंखसे हमेशा मुझको तांकते है।
मुख़्तसरसी बात है,
तू जो सूनले तो मैं केह दु।
तेरी होठोंकी लालिसे,
और आँखोंकी गहराईपे,
ना कोई नझ्म लिख दु,
मुख़्तसरसी बात है…
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