अब मुलाकात नहीं होती…
हा, मै मिला हूं उससे,
बिल्कुल आप जैसा सोच रहे है वैसा ही था।
पूरा पागल,
अपने ही धुन में खोया हुआ।
पहली बार जब उससे मुलाक़ात हुई तो मै तो सेहम सा गया था।
शायद तुम होते तो तुम भी यही कहते।
बिखरे लंबे बाल, ये बड़ी दाढ़ी। कोई बूढ़ा पागल नहीं था। बदन पूरा कसरती था। उम्र, वही कुछ ३० या ३५ के करीब। बदन पे एक मैला कुर्ता और कंधे पे एक झोला लिए वो चल पड़ता था।
पर एक अजीब सा अपनापन भी मेहसुस होता है जब मैं सोचता हुं उस के बारें में।
उसे प्यार था उन पेड़ों से, जानवरों से, नदी से, पहाड़ से। उस हर एक चीज से जिसमें उसे प्रकृति की छबि नजर आती थी।
उन की देखभाल में खाना पीना सब भूल जाता था। उसका एक सपना था, कभी जिंदगी में खुदका एक जंगल होगा। जहा एक तालाब के किनारे किसी पेड़ पर एक ट्री हाउस बना के वो उसमे रहे।
पर काफी दिन हो गए उससे मुलाकात नहीं हुई। उसके रोज के ठिकानों पे भी आज कल वो कही दिखाई नही देता। गायब होने से पहले उसने बताया था के वो किसी नई कोयले के खदान के बारे में सुन कर कितना परेशान है। कभी मिले तो उसे जरूर बताउंगा की घर का एसी अब अच्छा चल रहा है। शुक्र है, नया कोल पावर प्लांट शुरू हो गया है।
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Hindi language has it’s own charm. reading it elates me every time . You have beautifully weaved the words with the tinge of nature love.
Thanks a lot! I rarely write in Hindi. It’s not my forte! Your comment is a booster ☺️😊
Am reading a post in hindi after a very long time after school and occasionally helping my son study… Felt nice, need to do more of this and appreciate the language and your wonderful short capsules of knowledge and information shared 🙏🏻
Thanks a lot! I hardly write in Hindi. It boosts my confidence
बहुत सुंदर कविता. कितने बड़े मुद्दे को कितने साधारण तरीके से छुआ. बहुत खूब. लिखते रहें , यूँ ही आप की कलम में शक्ति रहे.
बहोत बहोत धन्यवाद! आप के इस कॉमेंट से काफी प्रोत्साहन मिला है।
Bhut pyaara likha hai, kash yeh hum sab samjhte
बहोत शुक्रिया!
बहोत बहोत शुक्रिया!!!
Very nice!
Love reading the poem in Hindi. beautiful
Thank you so much
बहुत ही सुंदर लिखा है आपने!
सब से बड़ी बात कि हिन्दी को हिन्दी में ही लिखा है अन्यथा एक समझ तो आ जाता है मगर connection नहीं बन पाता.
beautifully written poem.
I love Hindi language. It felt good to read your poetry and loved how you described mother nature through it.
Aditya , you have conveyed the message in very subtle way that is effective too, write in Hindi often.
शुक्रिया मीनल जी। जरूर कोशिश करेंगे हिंदी में ज्यादा लिखने की।
Translation of this wwould be good. Read all these comments and coudnt wait to read in translation