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Tag: kavita
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ऋतुगान – a poem celebrating Marathi seasons
This short Marathi poem is celebrating 6 seasons of our year in Maharashtra, Starting from Vasant (Springs) to Shishir (Winters). Hope you will like it. Enjoy…
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मनातले गांव – Hidden town in my mind
Everyone has their own version of Utopia in their mind. Here’s my version penned in the form of a Marathi poem. I have also tried translating it in English too. Hope you enjoy the same.
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चलनी नोटेस…
An ode to currency note. सये तुझ्याविण चालत नाही संसाराचे गाडे तू नसतांना आमुचे सारे काम आज हे अडे पाच दहा ते दोनहजारी, ल्याली सारी रूपे कधी शंभरी सोबत घेऊन काम करी तू पुरे
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बटा
This quatrain is about the beauty of flowy hair of love interest. ~~~ येती बटा भाळावरी लाटा जशा त्या सागरी खेचूनी मज ओढती नावेपरी त्या अंतरी
सड़कके किनारे…
मई की भरी दोपहर में, जब चलता हु उन तपती मैली सड़कोपर, मनमे ख़याल आता है, कई हस्तियाँ चली होंगी, उम्र से लम्बी इन सड़कोपर.. कई सपने चूर होक बिखरे होंगे, इसकी धुंदलीसी गलियोंके हर मोड़ पर, किसीने उम्मिदकी किरणका हात थामे, यहिंसे मंझिलकी ओर कदम बढाया होगा. किसी मजनूने हसी राज बांटे होगे, इसी…