दिलसे निकली ये जो बात
होठोमे दबी रही.
वो जो आए इस कदर
के ये जान रुकी रही.
उन झुल्फोके बिखर्ते
घटा काली छा गई
उनके होठोकी लालीपे
ये सांस रुकी रही.
न निकले लब्ज लबोंसे
चेहेरे पे सिर्फ हसी रही.
उनसे मुहब्बत हमारी
हम ही तक रुकी रही..
दिलसे निकली ये जो बात
होठोमे दबी रही.
वो जो आए इस कदर
के ये जान रुकी रही.
उन झुल्फोके बिखर्ते
घटा काली छा गई
उनके होठोकी लालीपे
ये सांस रुकी रही.
न निकले लब्ज लबोंसे
चेहेरे पे सिर्फ हसी रही.
उनसे मुहब्बत हमारी
हम ही तक रुकी रही..
ये प्यार ही है जो दिलमे बसा रहता है,
जो हर पल हमें झिंदा रखता है.
क्या फर्क है जो करो इन्सानसे या उपरवालेसे…
* हो अगर साथ यारोंका,
उमंग नयी एक मनमे.
न सुनाई दे घडीकी टिकटिक,
दिनमे हो या रातमे….
* मनमे जगे हो अरमान कुछ करनेके,
जितकी की लगी हो प्यास.
समय न रहे याद फिर उस वक्त,
जब कोई निकल पडे उस मकाम कि ओर;