जहांकी रीत January 7, 2013 By Adi Sathe असेच अवचित.. काही चारोळ्या... इस जहांकी रीत कितनी बेगानी मगर है तो ये बहोतही पुरानी कूच बोलू तो सब कहे चूप हो जा, खामोश को पुछे उसकी कहानी … Share this:TwitterFacebookTumblrPinterestPocketLike this:Like Loading... Related Post navigation Previous Post कोणीच दोषी नाही बघ….. Next Post Raavi Paar