Marathi poem about remembering lost love…
Nice short Marathi poem about her captivating beauty
A Hindi poem about an old home which is dilapidated. #poetrylove
हर रोज़ सुबह जब मैं मेरे कमरेकी खिड़की खोलता हूँ,
तो यही एक सवाल हमेशा होता है।
के ये कौन है जो एक आंखसे हमेशा मुझको तांकते है।
मई की भरी दोपहर में, जब चलता हु उन तपती मैली सड़कोपर, मनमे ख़याल आता है, कई हस्तियाँ चली होंगी, उम्र से लम्बी इन सड़कोपर..
आला श्रावण संख्यांनो, चला जाऊ बाजाराला, साज शृंगार करूया, मास सणांचा हा आला. भरू बांगड्या सयांनो, गर्द हिरव्या रंगात, सौभाग्याचे हे लक्षण, किणकिणते हातात. बांधू
मुख़्तसरसी बात है,
तू जो सूनले तो मैं केह दु।
तेरी होठोंकी लालिसे,
और आँखोंकी गहराईपे,
ना कोई नझ्म लिख दु,
मुख़्तसरसी बात है…
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