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Tag: पाऊस
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फाटलेले आभाळ
BlogchatterBlogHop मध्ये मिळालेल्या Amidst the weeping rain, the hours refused to move या विषयासाठी सुचलेली कविता.
बारीश और तुम #३
धुँवाधार बारिश है ये, थमने का कुछ नाम नही, पहाडोसे बिछड़नेपर, शायद फुटके रो रही। हम तुम भी तो बिछड़े है, महीनोसे ना मिल पाए, इन बरसते बादलसीही, क्या तुमभी बेहाल हो? जब हवा बादल उड़ा लाई, तबसे ये है जान गए, मुलाकात अब पहाड़की, अगले साल ही नसीब है। ये कंबख्त नौकरी जब, दूरी हममें डालती है, आहे…