क्यू खो गये हो December 28, 2012 कविता क्यू खो गये हो तुम अपनेही खयालोमे, तुम ना रहो गुमसुम इस हसीन शाममे ।। देखो सारी वादी धुंदला रही है, असमापर ये घटा