Day: December 30, 2009

  • यादे

    जब कोई निकल पडे उस मकाम कि ओर;

    जहांसे नाही कोई राह वापसी कि ओर.
    छोड जाता है पीचे सिर्फ दो चीजे;
    आंखो मी आसू और दिल में यांदे
    ये आंसू भी बडे गद्दार होते है;
    बस चंद दिनोंके मेहमान होते है.
    लेकीन यांदे होती है बडी वफादार;
    बार बार आकर बनाती दिलको शिकार.
    फिर दिल भी होकर यादोंका गुलाम;
    घुमने जाता है बीछडे रस्तोंके मकाम.
    भेजता है फिर उनही आसुओन्को पैगाम;
    आनाही होगा तुम्हे यादोंकी बाहे थाम.