आभी जा….. July 27, 2014 कविता दूर अब रेहके तू क्यू तडपाये रे, तुझबिन सुनी मेरी दिन और रैना रे आंखोमे जमि है असुओंकी धारा रे, आभी जाओ अब मोरे साजना