रुकीसी जान… January 23, 2012June 8, 2021 Hindi / कविता दिलसे निकली ये जो बात होठोमे दबी रही. वो जो आए इस कदर के ये जान रुकी रही. उन झुल्फोके बिखर्ते घटा काली छा गई